Monday, 2 May 2016

Leader

जिन्होंने तुम्हे अपना नेता मान लिया है उनके साथ चलने में क्या चुनौती ,,,,चुनौती उन्हें साथ लेकर  चलने में है जो तुम्हे अपना नेता ही न माने

There is no challenge to lead those who accepted you as a leader,  biggest challenge is to manage those who never accepted you as a lead.

विजय यात्रा कभी भी मित्रों को संतुष्ट करने का अभियान नहीं होती |
अपने दल में अयोग्य मित्र को चुनने से अच्छा है योग्य शत्रु चुन लो  |

Victory tour cannot be the campaign to satisfy your friends, better to chose capable enemy in your team rather than incapable friend.

मित्र अर्जित किये जाते ,बनाए नहीं जाते |

Friends are earned , not made.

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