महात्मा जी सूखाग्रस्त इलाकों में किसानों को प्रवचन दे रहे थे
"भगवान के घर देर हैं अंधेर नहीं "
तभी एक जोर से बोला , तभी हर दूसरे दिन एक किसान भगवान के घर चला जाता है उनसे ये पूछने कि और कितनी देर है ।
"भगवान के घर देर हैं अंधेर नहीं "
तभी एक जोर से बोला , तभी हर दूसरे दिन एक किसान भगवान के घर चला जाता है उनसे ये पूछने कि और कितनी देर है ।
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