इंसान की समझ बस इतनी सी होती है ,
"1005 रूपये के चीज़ में या तो ग्राहक 1010 दे देता है या दुकानदार 1000 लेकर संतोष कर लेता है ,
दूसरी ओर ये दोनों सब्जी वाले से 3 रूपये की धनिया ले कर 2 रूपये उस गरीब के पास नहीं छोड़ सकते।"
"आरक्षण जात पात के नाम पे होता है , पर अफ़सोस है जनता आरक्षण का विरोध करती है जात पात का नहीं "
नोट: आरक्षण कभी ख़राब नहीं हो सकता यदि उसका आधार सही हो
"1005 रूपये के चीज़ में या तो ग्राहक 1010 दे देता है या दुकानदार 1000 लेकर संतोष कर लेता है ,
दूसरी ओर ये दोनों सब्जी वाले से 3 रूपये की धनिया ले कर 2 रूपये उस गरीब के पास नहीं छोड़ सकते।"
"आरक्षण जात पात के नाम पे होता है , पर अफ़सोस है जनता आरक्षण का विरोध करती है जात पात का नहीं "
नोट: आरक्षण कभी ख़राब नहीं हो सकता यदि उसका आधार सही हो
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