आज भारत में आई अर्थक्रांति की ज्वाला को सभी मोदी जी के नाम से जानते हैं , निःसंदेह यह एक महान कार्य है ,परंतु उससे भी महान वो दीपक हैं जिन्होंने इस ज्वाला को जन्म दिया- "स्वर्गीय राजीव दिक्षित जी", जिन्होंने सर्वप्रथम विमुद्रीकरण करने का विचार दिया था। आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए सिर्फ इतना कहना चाहूंगा की यदि आज भी वह दीपक होता तो न जाने कितनी ज्वालाओं को जन्म दे चुका होता।
हालांकि भाजपा के पास कोई योजना नहीं है , न ही मोदीजी को इतनी समझ है की इसको साकार कैसे करे
काश मोदी जी ने पूरी तरह समझ के विमुद्रीकरण को अंजाम दिया होता
हालांकि भाजपा के पास कोई योजना नहीं है , न ही मोदीजी को इतनी समझ है की इसको साकार कैसे करे
काश मोदी जी ने पूरी तरह समझ के विमुद्रीकरण को अंजाम दिया होता
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