आखिर कृष्ण ने अर्जुन को ही क्यों चुना युद्ध के लिए ,
वो भीम को भी चुन सकते थे ,वो तो पहले से ही युद्ध के लिए राज़ी था ,लेकिन कृष्ण ने अर्जुन को चुना क्योकि उससे गीता का निर्माण होना था ,गीता के रचियता सिर्फ कृष्ण को कहना गलत होगा।
गीता के रचियता सिर्फ कृष्ण हैं ये कहना गलत होगा बल्कि अर्जुन भी ५०% गीता का निर्माता था , अर्जुन ने कृष्ण के लिए प्रश्नपत्र तैयार किया था और कृष्ण ने उत्तर पत्रिका।
कृष्ण ये भी जानते थे अर्जुन सर्वश्रष्ठ धनुर्धर नहीं है पर वो ये जानते थे की बुद्धि के हिसाब से अर्जुन ही कुरुक्षेत्र में प्रश्नों को पूछने के लिए सर्वश्रेष्ठ है,
और ये तो सभी जानते है की प्रश्नों को तैयार करना उत्तर देने से ज्यादा कठिन काम है वो भी तब जब आप भगवान नहीं हैं, गीता पूर्ण बनाने में अर्जुन ने प्रश्नों को पूछने में कोई कमी नहीं छोड़ी थी ,यही कारण है कि गीता आज भी प्रासंगिक और पूर्ण है।
"आप अपना दृश्टिकोण बढ़ाये, भगवान आपमें है शास्त्रों में नहीं ,आपके अनुभव यदि शास्त्रों से मेल खाते हैं तो ठीक है, नहीं तो शास्त्रों में सुधार की जरूरत है या अपना दृश्टिकोण बदलने की"
वो भीम को भी चुन सकते थे ,वो तो पहले से ही युद्ध के लिए राज़ी था ,लेकिन कृष्ण ने अर्जुन को चुना क्योकि उससे गीता का निर्माण होना था ,गीता के रचियता सिर्फ कृष्ण को कहना गलत होगा।
गीता के रचियता सिर्फ कृष्ण हैं ये कहना गलत होगा बल्कि अर्जुन भी ५०% गीता का निर्माता था , अर्जुन ने कृष्ण के लिए प्रश्नपत्र तैयार किया था और कृष्ण ने उत्तर पत्रिका।
कृष्ण ये भी जानते थे अर्जुन सर्वश्रष्ठ धनुर्धर नहीं है पर वो ये जानते थे की बुद्धि के हिसाब से अर्जुन ही कुरुक्षेत्र में प्रश्नों को पूछने के लिए सर्वश्रेष्ठ है,
और ये तो सभी जानते है की प्रश्नों को तैयार करना उत्तर देने से ज्यादा कठिन काम है वो भी तब जब आप भगवान नहीं हैं, गीता पूर्ण बनाने में अर्जुन ने प्रश्नों को पूछने में कोई कमी नहीं छोड़ी थी ,यही कारण है कि गीता आज भी प्रासंगिक और पूर्ण है।
"आप अपना दृश्टिकोण बढ़ाये, भगवान आपमें है शास्त्रों में नहीं ,आपके अनुभव यदि शास्त्रों से मेल खाते हैं तो ठीक है, नहीं तो शास्त्रों में सुधार की जरूरत है या अपना दृश्टिकोण बदलने की"
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